ब्राह्मण पत्रकारों को सम्मानित करने का आरोप

लखनऊः उत्तर प्रदेश में पत्रकारों के लिए आयोजित एक सम्मान समारोह कार्यक्रम को लेकर बवाल मचा है. इस कार्यक्रम के बारे में कहा जा रहा है कि सम्मान समारोह सिर्फ सर्वण जाति के पत्रकारों के लिए आयोजित किया गया था. पत्रकारिता के नाम पर ब्राह्मण पत्रकारों को सम्मानित किया गया है. इसमें सभी मिश्रा, ठाकुर, त्रिपाठी,उपाध्याय शुक्ला जैसे उपनाम ही शामिल हैं. सम्मान समारोह में महिला, ओबीसी, अल्पसंख्यक, दलित या आदिवासी को शामिल नहीं किया गया. बता दें कि सम्मान समारोह में पत्रकारों को अमृत सम्मान से नवाजा गया. इसे लेकर पत्रकारों का एक तबका खासा नाराज दिख रहा है और सवाल खड़ा किया है कि क्या उत्तरप्रदेश में ओबीसी, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी या महिला पत्रकार नहीं हैं. पूरे उत्तर प्रदेश में क्या पत्रकारिता की जिम्मेदारी ब्राह्मणों ने ले रखी है.
गौरतलब है कि आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में पत्रकारों के लिए अमृत सम्मान समारोह आयोजित किया गया था. उत्तर प्रदेश वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन द्वारा सम्मानित सभी लोग उच्च जाति वर्ग के हैं. हालांकि कार्यक्रम के आयोजक और उत्तरप्रदेश वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के अध्यक्ष टीबी सिंह ने सफाई देते हुए कहा है कि सम्मानित किये गये सभी पत्रकार वरिष्ठ थे. इनमें पांच वर्किंग और पांच पूर्व पत्रकार हैं. पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान है.
सिंह ने सफाई देते हुए कहा है कि इस क्षेत्र में ओबीसी, महिला, मुसलमान, दलित और आदिवासी शामिल नहीं है तो उन्हें कहां से लाया जाये. सम्मान के लिए गठित कमेटी ने यही नाम भेजे थे जिन्हें सम्मानित किया गया. कमेटी में इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ कलहंस और हेमंत तिवारी जैसे वरिष्ठ लोग शामिल थे. उत्तरप्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने इसका ठिकरा आयोजकों पर फोड़ा है और कहा है कि कार्यक्रम के आयोजक ही पैमाना की जानकारी दे सकते हैं. उन्हें सिर्फ मेहमान के तौर पर उन्हें बुलाया गया था.
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का मानना है कि एक एजेंडा के तहत सम्मान समारोह आयोजित किया जाता है. ऐसे आयोजनों में आयोजनकर्ताओं का व्यक्तिगत लाभ अधिक होता है. ऐसे सम्मान समारोह लोगों को [kq’k करने के लिए किया जाता है नाकि मेरिट ढ़ूढने के लिए. इस तरह के कार्यक्रम करने वालों की भरमार है.