देवघर के राहुल सिंह भी हैं शामिल, रहें हैं प्रभात खबर के पूर्व पत्रकार
भारत में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण मुद्दों पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों के काम को काफी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल रही है. अंतरराष्ट्रीय मीडिया में क्लाइमेट चेंज एक महत्वपुर्ण विषय है और पूरे विश्व में ऐसे पत्रकारों को प्रोत्साहित किया जा रहा है जो इस विषयवस्तु पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं.
ऐसे पत्रकारों को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रहे संस्थाओं द्वारा नियमित तौर पर स्टोरी ग्रांट दिया जा रहा है. वहीं पत्रकारों द्वारा पर्यावरण के मुद्दों पर उच्च गुणवत्ता वाली मोबाइल वीडियो स्टोरीज तैयार किया जा रहा है. इन विषयों में खनन, जल संचरण, सूखा, बाढ़, वनों में आ रही निरंतर कमी, वन अधिकार, जल प्रदूषण, पारिस्थितिकी शामिल हैं. इनसे होने वाली सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक संघर्ष पर पत्रकारों द्वारा लगातार रिपोर्टिंग कर देश की पॉलिसी में किये जाने पर ध्यान आकृष्ट कराना होता है.
पर्यावरण संरक्षण को लेकर रिपोर्टिंग कर रही संस्था अर्थ नेटवर्क जर्नलिज्म द्वारा इस वर्ष देश के 13 पत्रकारों को स्टोरी ग्रांट दिया गया है. ये पत्रकार देश की कई मीडिया संस्थानों से जुड़ कर काम कर रहे हैं. इन 13 पत्रकारों में राहुल सिंह, वर्षा तोरगालकर, मनीष कुमार, जीशा एलिजाबेथ, तारूषी अश्विनी, एम रमेश, गोथामी सुब्रण्यम, प्रगति रवि, दीपानविता नियोगी, लक्ष्य शेखर, गार्गी वर्मा, जेंसी सेम्युल और डोला मित्रा शामिल हैं. अर्थ जर्नलिज्म के मुताबिक भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा रिन्यूबेल एनर्जी के इस्तेमाल करने वाला देश है. इसे लेकर भारत की योजनाओं के संबंध में रिपोर्टिंग जरूरी है.