द क्वींट के पत्रकार ने वीडियो कार्यक्रम ‘जनाब ऐसे कैसे’ में दिखाया पैरोडी
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने देश में नफरत फैलाने वाली मीडिया की कड़ी आलोचना की है. लेकिन इस फटकार का टीवी चैनलों पर कोई गहरा असर नहीं दिख रहा है. नफरत फैलाने वाले टीवी चैनलों पर प्रस्तूत कार्यक्रमों को लेकर द क्वींट ने एक पैरोडी तैयार किया है जिसे काफी पसंद भी किया जा रहा है.
इस वीडियो की शुरूआत में डिस्कलेमर है जिसमें भड़काऊ एंकरों से सावधान रहने की सलाह है. भड़काऊ एंकरों के वीडियो का सेवन करने से नफरत, कट्टरता और हिंसक सोच जैसी बीमारियां पैदा होती है जैसी सूचनाएं दी जाती हैं.
इसके बाद वीडियो पर एक एंकर ब्लैक एंड भगवा कार्यक्रम लेकर आता है. एंकर का नाम अधीर चौधरी है. चह अपने इस कार्यक्रम में बिरयानी जिहाद पर बहस करता है. त्योहारों में हिंदु मुस्लमानों के एक दूसरे के घर जाने और व्यंजन का स्वाद लेने पर वह इसे एक संदेह बताते हुए एकता जिहाद का नाम देता है.
इस वीडियो में अलग अलग चैनलों के कार्यक्रमों का पैरोडी प्रस्तूत किया गया है. वीडियो के अगले हिस्से में बेअमन चौपड़ा मौजूद होते हैं और भारत में बिरयानी के चलन पर बहस चला रहे हैं. उन्हें संदेह है कि 2027 तक भारत गजवा—ए—बिरयानी बन जायेगा. उनका कहना है कि शाहीन बाग से लेकर पुरानी दिल्ली तक बिरयानी का जाल बिछा दिया गया है. क्या यह कोई साजिश है.
दरअसल यह सभी दृश्य द क्वींट के पत्रकार शादाब मोइजी के वीडियो कार्यक्रम जनाब ऐसे कैसे का हिस्सा है. वास्तव में यह पैरोडी भरा वीडियो नफरती पत्रकारिता पर चोट है. इस वीडियो में नफरत की पत्रकारिता का विशलेषण कर रहे हैं और बता रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फटकार के बाद भी चैनलों पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है. चैनलों के व्यवहार और आवाम पर इसके असर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो अपनी राय प्रकट की है उसे दिखाया गया है.
द क्वींट से इस वीडियो को ट्वीटर और यूट्यूब पर अपलोड किया है जिसे इस लिंक https://www.youtube.com/watch?v=-D_wDAV-60A&t=4s से देखा जा सकता है.