दर्शकों के मन में पनपने वाले डर और अवसाद को दूर करने के लिए दी सलाह
केंद्र सरकार ने न्यूज चैनल्स के लिए एडवाइजरी जारी किया है. इस एडवाइजरी में कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए इस प्रकार के कंटेंट प्रसारित नहीं करने के लिए कहा है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि कंटेंट शालीनता और नियमों के विरुद्ध नहीं होने चाहिए.
इस एडवाइजरी में कुछ मुख्य बिंदुओं का ध्यान में रखा गया है. इसमें दुर्घटनाओं, विभत्स मौतें, हिंसा जैसे कंटेंट शामिल हैं जो दर्शकों को विचलित करती हैं. ऐसे कंटेंट से दर्शकों में डर, अवसाद और भ्रम पैदा होता है. अधिकांश दर्शक ऐसे कंटेंट को देखना नहीं चाहते हैं.
इस एडवाइजरी को कुछ घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि टीवी चैनल्स द्वारा दिखाये गये कंटेंट शालीन नहीं थे. लोगों को ऐसे कंटेंट अच्छे नहीं लगने वाले थे.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का यह भी कहना है कि लोग टीवी सपरिवार के साथ देखते हैं. इसमें बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे भी शामिल होते हैं. इस प्रकार के कवरेज सही नहीं है और प्रसारणकर्ताओं को प्रोग्राम और एडवरटाइजिंग कोड का पालन करने की सलाह दी है.
मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि टेलीविजन चैनलों ने कई बार हिंसक घटनाओं व दुर्घटनाओं की कवरेज के दौरान शवों और घायल व्यक्तियों के चित्र या वीडियो को प्रसारित किया है. साथ ही महिलाओं, बच्चों और बुर्जुगों के साथ बेरहमी से मारपीट वाले किल्पस भी शामिल हैं. खबरों के प्रसारण के दौरान उस बेरहमी से मारपीट वाले किल्प्स को बिना धुंधला किये कई कई बार पूरे कार्यक्रम के दौरान दिखाया जाता है.
इस तरह की घटनाओं की रिपोर्टिंग दिल का डराने वाला और अपमानजनक होता है तथा यह कवरेज की शालीनता को प्रभावित करता है.
कई घटनाओं में देखा गया है कि ब्रॉडकास्टर्स द्वारा ये वीडियो क्लिप सोशल मीडिया से लिए गए होते हैं और इसका संशोधन या संपादन नहीं किया हुआ होता है. सभी टेलीविजन चैनल्स को ऐसे कवरेज के मामले में यह गंभीर होना चाहिए.