भास्कर ने जीवित व्यक्ति की उड़ायी नींद, दे डाला मरने का विज्ञापन
मौत तो एक दिन मुअय्यन है, नींद रात भर क्यों नहीं आती…किक फिल्म का यह डायलॉग आपको तो याद होगा ना..! वहीं किक जिसमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने काफी वाहवाही बटोरी थी…आप पूछेंगे आखिर यहां पर इसकी चर्चा करने की जरूरत क्या है…है..जरूरत है..जब आपकी नींद कोई उड़ा दे…नींद तब उड़ जाये जब कोई किसी के मरने की सूचना अखबार को दे..वह अखबार इसके बारे में विज्ञापन निकाले और फिर मरने वाले के जिंदा होने की बात सामने आने पर उससे माफी मांग लें.
जी हां..ऐसा ही वाक्या सामने आया है जयपुर से..! दैनिक भास्कर के जयपुर संस्करण में राजीव सिंघ्वी के मृत्यु और गलत तीये की बैठक का विज्ञापन दैनिक भास्कर ने प्रकाशित किया. लेकिन जब राजीव सिंघ्वी ने दैनिक भास्कर से इस बारे में सवाल किया तो उसका खंडन छापा गया. फिर राजीव सिंघ्वी ने मामले को लेकर एफआईआर करायी. इसके बाद उस जिंदा व्यक्ति के घर पर रात में डकैतों ने धावा बोल दिया. उस न्यूज को सभी अखबारों ने कवर किया लेकिन दैनिक भास्कर ने इस खबर को कवरेज नहीं दिया. अब इस मामले को लेकर पुलिस कार्रवाई चल रही है.
अब सवाल उठता है कि नो निगेटिव न्यूज का नारा लगाने वाले भास्कर ने जिंदा व्यक्ति के घर पर हुए धावा की न्यूज क्यों नहीं लगायी. संभवत: यह प्रतीत हो रहा है कि गलत विज्ञापन देने वाले को दैनिक भास्कर जानता है और इस संबंध में उसे बचाने और खुद बचने की कोशिश कर रहा है.
इस मामले को लेकर जयपुर में मुहिम चल रही है जिसमें भास्कर से इस बाबत सवाल करने के लिए कहा गया है. जयपुर के पाठकों से इंसाफ दिलाने की बात कही जा रही है. इस मामले में दैनिक भास्कर ने सफाई दी है कि तीये की विज्ञापन उसे विज्ञापन एंजेंसी तथा संंबंधित व्यक्ति द्वारा मिली थी.