वरिष्ठ पत्रकार अनंत बेस्ट फिल्म क्रिटिक का जीत चुके है राष्ट्रीय पुरस्कार
फिल्म की समीक्षा लिखने के लिए कौशल और हुनर की जरूरत होती है. सिनेमा प्रभावशाली माध्यम है. फिल्म की समीक्षा प्रभावकारी होनी चाहिए.
फिल्म समीक्षा का पहला और महत्वपूर्ण हिस्सा स्क्रीनप्ले यानि पटकथा है. यह कहना है अनंत विजय का.
अनंत विजय प्रख्यात फिल्म समीक्षक और वरिष्ठ पत्रकार हैं. दिल्ली स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कॉम्यूनिकेशन में आयोजित एक सेमिनार के दौरान पत्रकारिता के छात्रों को उन्होंने फिल्म समीक्षा के गुर सिखाये.
अनंत विजय बेस्ट फिल्म क्रिटिक का राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके हैं.
उन्होंने कहा कि फिल्म बनाने में पहले किसी आइडिया पर चर्चा करना होता है.
आइडिया डेवलप करने के बाद फिल्म निर्माण की तरफ बढ़ते हैं. उन्होंने कहा कि एक अच्छी फिल्म का फॉर्मूला स्क्रीनप्ले होता है.
फिल्म समीक्षा, आलोचना, और प्रशंसा के बीच उन्होंने अंतर को भी समझाया. कहा कि इन तीनों में आकार, प्रकार, सोच, समझ और आयाम का अंतर है. रिव्यू एक फूल है, क्रिटिसिज्म एक गुलदस्ता है और एप्रिसिएशन गुलदस्तों का समूह है.
उन्होंने कहा कि फिल्मों के हिट और फ्लॉप होने के कई कारण है. एक फिल्म को एक स्क्रीन पर रिलीज करने में लगभग 32 हजार रुपये का खर्च आता है.
किसी भी फिल्म के लागत और उसके कलेक्शन के आधार पर फिल्म को हिट और फ्लॉप घोषित किया जाता है. आज तकनीक से उत्कृष्टता प्राप्त की जा सकती है.
लेकिन संवेदना या इसके भावों को नहीं प्रस्तूत किया जा सकता है. फिल्म समीक्षा के माध्यम से समीक्षक को फिल्म के गुण और दोष दोनों के बारे में बताना चाहिए.