फेडेरेशन ऑफ पीटीआई इम्प्लाईज युनियंस को मिला समर्थन
फेडेरेशन ऑफ पीटीआई इम्प्लाईज युनियंस ने पीटीआई की नियमित सेवा से निकाले 297 लोगों के नौकरी पर वापस लेने की मांग की है. बता दें कि चार साल पहले पीटीआई ने 297 कर्मचारियों को नियमित सेवा से निकाल दिया था. प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया पर आरोप है कि अवैध तरीके से इन कर्मचारियों की छंटनी की गयी थी. उन्हें वापस ड्यूटी पर लिया जाना चाहिए.
फेडरेशन ऑफ पीटीआई इम्प्लाईज यूनियंस के महासचिव बलराम सिंह दहिया ने इसे अवैधानिक और अमानवीय कहा बताया. कहा कि पीटीआई की स्थापना 1948 में हुई थी और उस समय से पीटीआई के सभी कर्मचारी देशहित के लिए काम कर रहे थे. लेकिन बीते कुछ सालों में पीटीआई प्रबंधन का व्यवहार अनैतिक और मनामाना पूर्ण रह रहा है. आज 297 कर्मचारियों के सामने संकट है. ये वहीं कर्मचारी हैं जिनके खून पसीने ने पीटीआई का निमार्ण किया और वह देश विदेश में जाना जाता है.
इस मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय भेजा गया. अब मुंबई स्थित राष्ट्रीय न्यायाधिकरण नेशनल ट्रिब्यूनल में है. यहां 20 अक्टूबर को 297 कर्मचारियों के निकाले जाने के मामले पर ट्रिब्यूनल द्वारा अंतरिम राहत देने के मुद्दे पर बहस होनी है. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट सहित देश के कई समाचार संगठनों ने इस नौकरी पर वापस लिये जाने की मांग को सही ठहराया है और फेडरेशन का समर्थन किया है.