प्रभात खबर ने पत्रकार कुणाल को 23 लाख रुपये का किया भुगतान
नई दिल्लीः एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद प्रभात खबर ने मजीठिया वेतन बोर्ड के प्रावधानों के तहत पत्रकार कुणाल पिय्रदर्शी को बकाया वेतन का भुगतान कर दिया है. प्रभात खबर के साथ काम करने वाले बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी कुणाल ने दिसंबर 2017 में लेबर कोर्ट में केस दायर किया था. उस समय उन्होंने प्रभात खबर मुजफ्फरपुर यूनिट में न्यूज़ राइटर के रूप में काम करना प्रारंभ किया था. पांच साल में कंपनी ने उनके वेतन में बढ़ोतरी की थी. लेकिन संपादक से हो रहे टकराव के बाद उन्होंने 2017 में इस्तीफा दे दिया. कंपनी की ओर से इस पर किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं आई. इस्तीफे को ना तो स्वीकार किया गया और ना ही उन्हें नौकरी पर पुनः बुलाया गया.
इस पूरे मामले को लेकर कुणाल लेबर कोर्ट में गये. 2020 में कुणाल के पक्ष में फैसला आया और कोर्ट ने दो माह के अंदर सभी भुगतान करने का आदेश दिया. इस आदेश की न्यूट्रल पब्लिशिंग हाउस लिमिटेड ने अवहेलना करते हुए उन्हें किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया. मामले को सिविल कोर्ट मुजफ्फरपुर भेजा गया. इसके बाद उन्हें मजीठिया वेतन बोर्ड के तहत कोर्ट में मामले लंबे चलने की जानकारी मिली. यह उनके लिए परेशानी का सबब था. इसके बाद मजीठिया वेतन बोर्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेशों और केस का विस्तार से अध्ययन किया. मजीठिया वेतन बोर्ड का केस लड़ने के कारण उन्हें अखबारों में नौकरी नहीं मिल पाती थी.
कुणाल ने जब प्रभात खबर के साथ नौकरी की शुरुआत की थी तब वेतन सात हजार रुपये थे जो पांच सालों के बाद 27 हजार हो गये. जबकि मजीठिया वेतन बोर्ड के तहत उनकी सैलरी 76 हजार होनी चाहिए थी. कुणाल और प्रभात खबर के बीच का यह मामला लंबा चला. अंत में प्रभात खबर को मजीठिया वेतन बोर्ड के तहत बकाया वेतन का भुगतान करना पड़ा. प्रभात खबर ने कुणाल को 23 लाख रुपये का अंततः भुगतान किया. साथ ही कंपनी उनके इपीएफ खाते में 2 लाख उनके ईपीएफ खाते में भेजेगी.