इंदौर में सोशल मीडिया पर महिला के वीडियो वायरल होने से जुड़ा मामला
एक लड़की ने एक पत्रकार को झन्नाटेदार तमाचा जड़ दिया. इस घटना का एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो इंदौर के विजय नगर क्षेत्र का बताया जा रहा है. वीडियो में एक महिला थाने से निकल रही है. इस बीच पत्रकार उससे सवाल पूछने की कोशिश करता है. उसके सवाल पूरा होने से पहले ही पत्रकार के कान के नीचे बारह बज जाते हैं. झन्नाटेदार तमाचा के बाद पत्रकार बौखला जाता है. वहां से वह महिला तेजी से भागती है. पत्रकारों का हुजूम उसका पीछा करता है लेकिन पुलिस द्वारा महिला को अपनी सुरक्षा में ले लिया जाता है
इस पूरे मामले के पीछे की घटना को जानना भी जरूरी है. शनिवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उस लड़की को एक ऑडी कार में ड्राइवर से बहस होते और चिल्लाते हुए दिखाया गया. इस मामले को लेकर लड़की थाने पहुंची और उसने पूरे मामले की जानकारी दर्ज करायी. उसने पुलिस को बयान दिया है कि उसका उसके कजिन के साथ बहस हो रहा था और इसी समय किसी ने बाहर से उसका वीडियो बना लिया. शनिवार को यह वीडियो वायरल होने के बाद उसे यह जानकारी मिली. लड़की ने बताया कि इस घटना को हुए आठ माह हो चुके हैं. वह इस वीडियो बनाने और सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करना चाहती है.
इस संबंध में विजयनगर एसीपी सोनाक्षी सक्सेना ने बताया कि लड़की ने पुलिस को जानकारी दी है कि उसके साथ किसी प्रकार की अनहोनी या अप्रिय घटना नहीं हुई थी. उसने बताया कि उसकी बहस उसके कजिन के साथ हो रही थी. वीडियो में ड्राइविंग सीट पर बैठा युवक उसका कजिन है. और वह लड़की अपने भाई से गाड़ी चलाने के लिए कार मांग रही थी जिसे उसके भाई ने मना कर दिया था. इससे वह नाराज थी. वीडियो बाइपास रोड के आसपास का है जो मार्च 2022 में लिया गया था लेकिन यह सोशल मीडिया पर शनिवार को वायरल हो गया.
लड़की के थाना पहुंचने की जानकारी जब पत्रकारों को मिली तो वे थाना पहुंच गये और बयान मांगने लगे. इस दौरान लड़की ने तमाचा जड़ दिया. हालांकि रिपोर्ट लिखे जाने तक किसी पत्रकार द्वारा लड़की के खिलाफ इस मामले में शिकायत दर्ज नहीं करायी गयी है.
इसे लेकर लोग अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं. उनका मानना है छपरी पत्रकारों की बाढ़ सी आ गयी हैं. ऐसे पत्रकारों को ना तो सवाल पूछने का शउर है और ना ही किसी मामले की तह तक जानकर खबरों की छानबीन करने का अक्ल. वे बतुके सवालों से अपना यूट्यूब दर्शकों की संख्या बढ़ाते हैं. पत्रकारों के साथ ऐसा होना भी जरूरी है. सरकार को इस मामले में कानून बनाने की जरुरत है. असल में ये गली मुहल्ले के लफुआ होते हैं जो अपनी व्यक्तिगत लाभ के लिए पत्रकारिता करने की बात कहते हैं. कर रहे हैं. ना तो ऐसे पत्रकारों के पास प्रशासन की ओर से रजिस्टर किया जाता है. रजिस्टर किया भी जाता है कि किस आधार पर यह पता ही नहीं होता है. आधे से ज्यादा यूट्यूबर पत्रकार उगाही के मामले के लिए जाने जाते हैं.