जबरदस्ती बनाया वीडियो और मांगे पांच लाख रूपये
छुट्टभैये और लंफगे पत्रकारों की वजह से आमलोग परेशान और मीडिया बदनाम है. इन पत्रकारों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोग इनके बारे में क्या राय रखते हैं. बड़ी संख्या में ऐसे पत्रकार है जिनका पूरा दिन वसूली में बीतता है. इनका काम लोगों से उगाही और जबरदस्ती वसूली होता है. खबर के नाम पर पत्रकारों का काम हफ्ता या लिफाफा मांग होती है. जमीन की दलाली और वसूली के कामों में जुटे पत्रकारों की भी लंबी फेहरिस्त है.
ऐसा ही एक मामला पुणे से आया है जब एक पत्रकार ने अपने एक महिला साथी के साथ एक पशु चिकित्सक के खिलाफ षडयंत्र रचा और उसे धमका कर पांच लाख रूपये उगाही की कोशिश की.
पूणे के रहने वाले पशु चिकित्सक डॉ अशोक भौंनडवे दो माह पहले जब शिवाजी स्थित अपने क्लिनिक के नजदीक सड़क पर रहने वाले कुत्तों को भोजन दे रहे थे, उसी दौरान एक महिला वहां आयी और उनसे बहस करने लगी. महिला का आरोप था कि डॉक्टर ने उसके कुत्ते को मार डाला. उसके साथ एक व्यक्ति भी जिसके गले में प्रेस का कार्ड था और वह खुद को पत्रकार बता रहा था. उसने महिला और डॉक्टर के बहस को फोन पर रिकॉर्ड करना प्रारंभ किया.
भौंनडवे के मुताबिक पत्रकार ने उन्हें बहुत अपमानित किया और इस बात के लिए मजबूर किया कि वह वीडियो में यह स्वीकार करें कि इलाज में लापरवाही से महिला के कुत्ते की मौत हो गयी. मजबूरी में डॉक्टर ने इसे स्वीकार किया और फिर जबरन वसूली का खेल शुरू हो गया. डॉक्टर से वसूली के रूप में पांच लाख रूपये मांगे गये. अन्यथा इस वीडियो को सार्वजनिक करने की धमकी दी गयी.
भोंनडवे ने इस घटना के दो माह बाद अपने ब्लेकमेल और प्रताड़ित होने का मामला थाने में दर्ज कराया. पुलिस जांच में पता चला कि वह व्यक्ति संदीप सिंगोटे है जो यूट्ब पर न्यूज 24 अवर्स के नाम से चैनल चलाता है और महिला का नाम नूतन पारेखे है जो खुद को एक एक्टिविस्ट बताती है.
पुलिस ने इन दोनों को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया. उनकी गिरफ्तारी तो हुई लेकिन जमानत मिल गयी. ब्लैकमेल और प्रताड़ित करने के मामले में संदीप सहित ऐसे दस पत्रकारों को पुलिस पूर्ण में गिरफ्तार कर चुकी है. कई ऐसे वसूली भाई टाइप पत्रकार छुट्टा सांड की तरह घूम रहे हैं.