मीडिया की समझ को बढ़ाने के लिए नई किताब आयी
पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले छात्रों तथा इस क्षेत्र में शोध करने वाले शोधार्थियों के लिए एक नई पुस्तक आयी है. इस पुस्तक का नाम न्यू मीडिया जर्नलिज्म है. यह किताब भारतीय जनसंचार संस्थान (आइआइएमसी) की प्रोफेसर डॉ अनुभूति यादव द्वारा एडिट किया गया है. किताब को प्रतिष्ठित प्रकाशन संस्था स्टर्लिंग द्वारा प्रकाशित किया गया है.
न्यू मीडिया जर्नलिज्म: इर्मर्जिंग मीडिया एंड न्यू प्रैक्टिसेज इन जर्नलिज्म शीर्षक के साथ लिखी गयी इस किताब में लगभग ग्यारह चैप्टर दिये गये हैं. किताब का पहला चैप्टर प्रोफेसर डॉ अनुभूति यादव द्वारा लिखा गया है जिसका शीर्षक न्यू मीडिया जर्नलिज्म है. इस चैप्टर में लेखक ने विस्तार से न्यू मीडिया जर्नलिज्म की जानकारी देते हुए प्रिंट से इलेक्ट्रॉनिक की तरफ शिफ्ट होने के बारे में लिखा है. साथ ही न्यू मीडिया जर्नलिज्म के विभिन्न साधनों तथा इसके आमजन पर होने वाले असर की भी चर्चा की है.
दूसरा चैप्टर साइबरसेक्यूरिटी इन जर्नलिज्म है और इसके लेखक अभय चावला है. अभय चावला ने जर्नजिल्म के क्षेत्र में साइबर सेक्यूरिटी पर प्रकाश डालते हुए सूचनाओं के लीक होने पर जानकारी दी है. पत्रकारों व मीडिया हाउस पर हो रहे साइबर हमलों की जानकारी दी है.
तीसरे चैप्टर का नाम इर्मसिव जर्नलिज्म है. इस चैप्टर को क्लाइड डिसूजा ने लिखा है. इसमें एक अन्य चैप्टर डाटा जर्नलिज्म पर है और इसे भी अनूभूति यादव द्वारा लिखा गया है. इसमें आंकड़ों पर आधारित पत्रकारिता के बारे में जानकारी दी गयी है. साथ ही बताया गया है कि हर डाटा अपने आप में एक जानकारी है और यह एक व्हिसिल ब्लोअर के रूप में काम करता है. सोनिया भास्कर द्वारा सोशल मीडिया एंड जर्नलिज्म पर एक चैप्टर है.
इस किताब के लिए पैरी आफताब ने साइबर हैरासमेंट एंड डिजिटल यूज शीर्षक से एक चैप्टर लिखा है. वहीं हिमांशु शेखर द्वारा मोबाइल जर्नलिज्म पर तथा रोहित गांधी द्वारा स्ट्रेनथिनिंग जर्नलिज्म यूसिंग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर चैप्टर लिखे गये हैं. इसके अलााव अखिल रंजन की फेक न्यूज, मिसइंफॉर्मेशन और डिसइनफॉर्मेशन और पवन कॉनडल द्वारा ओपन रिर्सोसेज नाम से चैप्टर मौजूद है. वहीं प्रिया सचदेवा द्वारा डिजिटल मार्केटिंग शीर्षक के साथ एक चैप्टर है.