घटना के सात माह बाद दर्ज किया गया एफआईआर
प्रसार भारती में नौकरी के नाम पर ठगी की खबर है. भारत के सरकारी प्रसारणकर्ता प्रसार भारती में 308 लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगा गया है.
इसको लेकर एक एफआईआर दर्ज किया गया है. उम्मीदवारों से रजिस्ट्रेशन के नाम पर ढ़ाई हजार से तीन हजार रुपये वसूले गये.
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को इस बात की जानकारी मई 2022 में मिली थी. हालांकि इकोनॉमिक आफेंस के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है, लेकिन सवाल यह है कि जानकारी मिलने के बावजूद सात माह बाद जनवरी 2023 में पुलिस ने एफआईआर दर्ज क्यों किया.
पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में 419, 420, 468, 471 और 120 बी धारा लगाया गया है.
ठगी करने वाले का नाम पंकज गुप्ता बताया जा रहा है. शिकायतकर्ताओं के अनुसार पंकज गुप्ता लोगों से मिलकर अपनी सरकारी विभाग में पहचान का जिक्र करता था. उसने बताया था कि प्रसार भारती में उसे कई लोग जानते हैं.
शिकायतकर्ताओं को प्रसार भारत में असिस्टेंट की नौकरी दिलाने की बात कही गयी थी. कहा गया था कि बड़े अधिकारियों को असिस्टेंट की आवश्यकता होती है जिसके लिए भर्ती प्रक्रिया जारी है.
शिकायतकर्ताओं के अनुसार पंकज ने उन्हें प्रसार भारती के एक बड़े अधिकारी का मेल दिखाया था और इस तरह वह लोगों को अपने झांसे में ले रहा था.
शिकायतकर्ताओं का दावा है कि पंकज गुप्ता ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विक्रम सहाय की मेल उनके समझ दिखाये थे.
उम्मीदवारों से कहा गया था कि यदि वे इंटरव्यू में नहीं जाना चाहते और सीधा नौकरी चाहते हैं तो इसके लिए अलग चार्ज लगेगा. इस धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब उम्मीदवार प्रसार भारती के दफ्तर पहुंचे.
उम्मीदवारों ने गार्ड को बताया कि वहां डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होना है. गार्ड ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया. इसके बाद फोन करने पर पंकज गुप्ता का फोन बंद आने लगा.
पंकज गुप्ता के घर जाने पर बताया गया कि वह शहर से बाहर है. शिकायतकर्ताओं ने कहा कि पुलिस ने उस समय शिकायत करने पर केस दर्ज नहीं किया.