पत्रकारों पर आपराधिक मानहानि और गैरकानूनी गतिविधियों वाले मुकदमे
द हिंदू पब्लिशिंग ग्रुप के डायरेक्टर एन राम का एक बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा है कि देश में पत्रकारों के खिलाफ उत्पीड़न के मामलों में इजाफा हुआ है और इसमें सबसे अधिक मुस्लिम समुदाय के पत्रकारों या अल्पसंख्यकों का समर्थन करने वाले शामिल हैं.
उन्होंने यह बयान चेन्नइ्र के नामी पत्रकारिता कॉलेज एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म में एक पैनल चर्चा के दौरान कही. अपने इस बयान के साथ यह तर्क भी दिया कि यह भी तर्क दिया कि भाषण की अभिव्यक्ति और मीडिया की आजादी को लेकर उच्च न्यायपालिका में समझ भी बहुत साफ नजर नहीं आती है. भारत में पत्रकारों द्वारा सामना की जाने वाली कानूनी चुनौतियों विषय पर हुए इस पैनल चर्चा में पत्रकारों पर आपराधिक मानहानि और गैरकानूनी गतिविधियों वाले मुकदमे चलाये जा रहे हैं.
अपनी बात में पत्रकार सिद्दीकी कप्पन के मामले को भी शामिल करते हुए कहा है कि बिना किन्हीं कारणों से पत्रकारों को जेल में रहना पड़ता है. सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बावजूद पत्रकार को जेल में रहना पड़ा.
उन्होंने कहा कि संस्थानों का पतन हो रहा है. सरकारी एजेंसियां पत्रकारों पर लगातार हमले कर रही हैं. मुसलिम समुदाय से संबंध रखने वाल पत्रकार और अल्पसंख्यक के मामलों का पुरजोर सर्मथन करने वाले उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं. तीस्ता सीतलवाड़ के मामला इस एक उदाहरण है. प्रेस की स्वतंत्रता के कारणों से यह देश विकासशील देशों के बीच महत्वपूर्ण स्थान रखता था.