Homeमुख्य खबरबीबीसी के बारे में पीएम नरेंद्र मोदी के इतने अच्छे बोल, आखिर...

बीबीसी के बारे में पीएम नरेंद्र मोदी के इतने अच्छे बोल, आखिर कब और कैसे

ट्वीटर पर 2013 में दिये गये एक भाषण का वीडिया क्लिप हो रहा सर्कुलेट

बीबीसी की द मोदी क्वेश्चन को यूट्यूब पर ब्लॉक करने और इसे प्रोपगंडा बताने के बाद अब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहा है. इस वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीबीसी की तारीफ करते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो को देख लोग अब उनकी भी मौज ले रहे हैं.

नेशनल फोरम ट्वीटर हैंडल के अलावा कई ट्वीटर हैंडल से इस वीडियो को शेयर किया गया है. इस हैंडल से तं​ज करते हुए लिखा गया है कि बीबीसी के बारे में मोदी जी कही बात प्रधानमंत्री जी को जरूर सुननी चाहिए.

प्रधानमंत्री का यह वीडियो 2013 का बताया जा रहा है. इस वीडियो को ऑल्ट न्यूज के फाउंडर मोहम्मद जुबैर ने भी अपने ट्वीटर हैंडल से शेयर किया है. इस वीडियो को शेयर करते हुए मोहम्मद जुबैर ने लिखा है मोदी के भाषण का छोटा अंश लिख ध्यान आकृष्ट कराया है.

इस वीडियो में प्रधानमंत्री बीबीसी की तारीफ करते नजर आ रहे हैं और कह रहे हैं कि आकाशवाणी, दूरदर्शन और अखबार था, तब तक आदमी के बीच बात क्या होती थी? यार, ये तो मैने BBC पे सुना है। उसे हमारी देश की आकाशवाणी कह रही है उसपे भरोसा नहीं है, दूरदर्शन कह रहा है उसपे भरोसा नही है, अखबार पे भरोसा नहीं है, पर कह रहा है, नहीं यार मैंने BBC पे सुना है.

इस भाषण में वह कहते हैं ये जो विश्वसनीयता है सरकार की व्यवस्थाओं पर भरोसा उठ जाना ये मैं समझता हूं कि बहुत ही बड़ा खतरा है. अब जब व्यवस्थाओं पर से भरोसा उठ जाये तो व्यक्ति अलग रास्ते खोजता है. जब न्याय पर से उसका भरोसा उठ जाये तो स्वयं ही न्याय करने की दिशा में चला जाता है. यानि इसके कारण पूरी समाज व्यवस्थाएं खराब होती चली जाती है.

इस वीडियो को कई ट्वीटर हैंडल से शेयर किया जा रहा है. वहीं जुबैर के इस ट्वीट की कई लोगों ने आलोचना भी की है और वहीं कुछ लोग प्रधानमंत्री के इस भाषण पर तंज कस मौज ले रहे हैं. मोहम्मद उस्मान नामक ट्वीटर हैंडल से लिखा गया है..बीबीसी से साहब डर गए हैं.

कमल मेहता नामक ट्वीटर हैंडल से कहा गया है कि प्रधानमंत्री एक प्रकार की चेतावनी दे रहे है कि किसी विदेशी एजेंसी पर भरोसा करते हैं और अपने देश या उसकी संस्थाओं पर भरोसा नहीं करते. यह देश के लिए खतरनाक स्थिति है.

वहीं एक एमजेड ट्वीटर हैंडल से कहा गया हे कि देश की मीडिया संस्थान तो खरीद सकते हैं लेकिन विदेशी नहीं क्यूंकि उसके काम करने वाले
बिकाउ नहीं हैं.

Stay Connected
[td_block_social_counter facebook="#" twitter="#" youtube="#" style="style3 td-social-colored" f_counters_font_family="450" f_network_font_family="450" f_network_font_weight="700" f_btn_font_family="450" f_btn_font_weight="700" tdc_css="eyJhbGwiOnsibWFyZ2luLWJvdHRvbSI6IjMwIiwiZGlzcGxheSI6IiJ9fQ=="]
Latest News
Related News

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here