अडानी ग्रुप ने प्रोपगंडा बताया, पत्रकारों ने इस मामले में किए सवाल
हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर पूंजी और कंपनी से जुड़ी अनियमितताओं के आरोप लगे हैं. जबकि अडानी ग्रुप ने इसका जवाब देते हुए इसे प्रोपंगडा बताया है. इस खबर के बाद अडानी ग्रुप की शेयरों में तेजी से गिरावट हुई. वहीं कई मीडिया संस्थानों और पत्रकारों ने अडानी ग्रुप की इस मामले पर सवाल भी किए हैं.
इस मामले पर रवीश कुमार ने भी तंज कसा है. उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल से लिखा है..गोदी सेठ की ग़लती। ग्लोबल चैनल से पहले ग्लोबल रिसर्च संस्थाओं को ख़रीद लेते। तब कोई नहीं पूछता कि गोदी सेठ के ग्लोबल चैनल पर ग्लोबल ख़बरें क्यों नहीं हैं? वैसे इस बात की चर्चा शहर में कहीं नहीं है क्योंकि शहर के लोगों का तन ट्रैफ़िक जाम में फँसा है और दिमाग़ धर्म की राजनीति में।
उनके इस ट्वीटर के जवाब भी आ रहे हैं. कई लोगों ने उनके इस ट्वीट पर मजे लिये हैं. आदिल हसन ने लिखा है कि कोशिश तो की ही होगी, लेकिन हमारी तरह वो बिकने को तैयार नहीं हुए होंगे.
राहुल तलहन नामक ट्वीटर से रवीश से यह कहा गया है कि आप खुद को ऐसे समझते हैं जैसे ‘दूध के धुले हो’ आप जो शहीद होने का नाटक भर कर रहे हैं। देश के सबसे पहले गोदी पत्रकार आप ही थे जिसने पत्रकरिता का सौदा किया था।
राम गोपाल जाट नामक ट्वीटर हैंडल से तंज करते हुए रवीश को गुलाम कहा गया है. रवीश को करारा जवाब देते हुए लिखा गया है कि 75 साल की आज़ादी के बाद भी नेहरू-गांधी ख़ानदान के ग़ुलाम और मार्क्स की मानसिक संतानें यह नहीं जानतीं कि उनके इस उल्टी कर देने वाली कुंठा के कारण देश के जाने कितने युवाओं का भविष्य बर्बाद हो गया है। ग़ुलामी में आपने पूरी पत्रकारिता का नाश कर दिया।
रवीश कुमार के इस ट्वीट पर कोई समर्थन करता दिख रहा है तो कोई इस ट्वीट की आलोचना कर रहा है. वैसे इस ट्वीट के लगभग दस हजार बार रिट्वीट किया जा चुका है.