अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के विलय पर छापी थी खबर
डेक्कन हेराल्ड के मुताबिक केंद्र सरकार अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को खत्म करना चाहता है. इसे यूनाइटेड प्रोग्रेसिव एलांइस द्वारा वर्ष 2006 में स्थापित किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक इसे सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के साथ विलय कर दिया जायेगा.
लेकिन इस पूरी खबर को प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ने भ्रामक बताया है और डेक्कन हेराल्ड की इस रिपोर्ट को फ़ेक न्यूज करार दिया है. पीआइबी फैक्ट चेक टीम ने पीआइबी की वेबसाइट पर इस खबर का उल्लेख करते हुए जानकारी दिया है कि यह दावा पूरी तरह निराधार है. ऐसा कोई भी प्रस्ताव नहीं लाया गया है.
डेक्कन हेराल्ड ने लिखा है कि इस मामले में मंत्रालय से सवाल किये जाने पर कोई जवाब नहीं मिल सका है. रिपोर्ट में लिखा है कि बीजेपी सरकार यह मानती हैं कि इस तरह का कोई स्वतंत्र अल्पसंख्यक मंत्रालय की कोई जरूरत नहीं है. यह सिर्फ यूपीए सरकार की खुश करने की नीति के तहत बनायी गयी थी. हालांकि डक्कन हेराल्ड ने इस पूरे मामले में किसी सूत्र का हवाला दिये जाने की भी बात कही है.