सूचना प्रोद्योगिकी संशोधन कानून की अधिसूचना जारी
भारत सरकार इंटरनेट मीडिया कंपनियों पर सख्ती बरतने जा रही है. इस संबंध में सूचना प्रोद्योगिकी संशोधन कानून की अधिसूचना जारी की गयी है. केंद्र सरकार ने फेसबुक, ट्वीटर और यूट्यूब समेत सभी इंटरनेट मीडिया कंपनियों के लिए इस कानून के पालन को अनिवार्य बनाया गया है.
सरकार ने साफ कहा है कि इंटरनेट मीडिया कंपनियों नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का हनन नहीं कर सकती और ना ही इन अधिकारों को किसी भी कीमत पर कमजोर किया जा सकता है. इंटरनेट को सुरक्षित और विश्वसनीय स्थान दिलाना जरूरी है. इंटरनेट मीडिया के सभी प्लेटफॉर्मों को अपने उपयोगकर्ताओं के प्रति जवाबदेह होना होगा. उपभोक्ताओं के एक वर्ग का यह मानना है कि कंटेंट को लेकर डिजिटल प्लेटफॉर्म मनमानी करती है.
नये कानून के तहत यदि कोई इंटरनेट यूजर किसी इंटरनेट मीडिया कंपनी की तरफ से शिकायतों के दिये जवाब से संतुष्ट नहीं होता है तो वह सरकार की तरफ से गठित की गयी शिकायत अपीलीय समिति से अपने बात कह सकता है.
केंद्र सरकार ने कहा है कि अगले तीन माह में अपीलीय समिति का गठन कर दिया जायेगा. इस नियम के तहत यह साफ कहा गया है के शिकायत प्राप्त होने के 24 घंटे के अंदर इसकी पावती यूजर को देनी है और शिकायत प्राप्त होने के तारीख से 15 दिनों के अंदर शिकायत का निवारण करना है.