दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा आईआईएमसी के महानिदेशक नियुक्ति में नहीं हुआ है नियमों का उल्लंघन
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कॉम्यूनिकेशन जिसे भारतीय जनसंचार संस्थान के नाम से भी जाना जाता है, मीडिया शिक्षण संस्थानों में देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है. वर्तमान में आइआइएमसी के महानिदेशक के पद पर प्रोफेसर डॉ संजय द्विवेदी हैं. इन्होंने कई बड़े मीडिया संस्थानों में संपादक की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली. वे माखनलाल चतुर्वेदी नेशनल युनिवर्सिटी ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कॉम्यूनिकेशन के पूर्व कुलपति भी रह चुके हैं.
मालूम हो कि उनकी नियुक्ति को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी थी. प्रोफेसर संजय द्विवेदी को जुलाई 2020 में भारतीय जनसंचार संस्थान में महानिदेशक के पद पर नियुक्त किया गया था. उनकी नियुक्ति को डॉ आशुतोष मिश्रा ने चुनौती दी थी. प्रोफेसर संजय द्विवेदी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है. इस मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने कहा है कि पत्रकारिता में करियर के लिए किसी विशिष्ट योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है.
प्रोफेसर संजय के खिलाफ दायर याचिका में महानिदेशक के रूप में आवश्यक योग्यता नहीं होने और आपराधिक मामलों के आरोप थे. इस याचिका को मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायामूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने अपील खारिज करते हुए कहा है कि पत्रकारिता में करियर बनाने के लिए किसी विशिष्ट योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है. पत्रकारिता मेडिकल या कानून के विपरीत है.
बाद में न्यायालय ने आईआईएमसी द्वारा 13 जून 2019 को जारी किये गये विज्ञापन का गहन अध्ययन किया. इसके बाद प्रोफेसर द्विवेदी के बायोडाटा को सामने रखते हुए माना कि उनकी नियुक्ति में किसी भी प्रकार के नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है. इसलिए याचिका खारिज की गयी है.