यूनेस्कों ने मिली थी बीस हजार डॉलर सहायता राशि और 180 टेलीविजन सेट
भारत में चलती फिरती तस्वीरें दिखाने वाला एक छोटा सा डब्बा ना सिर्फ मनोरंजन का साधन बना बल्कि इसने टेलीविजन के शुरूआत की इतिहास को दर्ज किया. और यह श्रेय जाता है दूरदूरर्शन को.
भारत में टेलीविजन की शुरुआत होना ही दूरदर्शन की शुरुआत माना जाता है. पहली बार टीवी पर चित्र उकेरने वाला दूरदर्शन स्वयं में एक इतिहास है. इस इतिहास की शुरूआत टेलीविजन इंडिया के नाम से 15 सितंबर 1959 को हुई थी.
टेलीविजन इंडिया का 1975 में हिंदी नामकरण किया गया. इसे दूरदर्शन नाम दिया गया. दूरदर्शन पर प्रारंभ में तीन दिनों तक ही कार्यक्रम प्रसारित किये जाते थे. लेकिन 1965 में इसे नियमित तौर पर रोजाना प्रसारण प्रारंभ हुआ. साथ ही इसी साल में एक पांच मिनट का समाचार बुलेटिन भी प्रारंभ किया गया.
दूरदर्शन पर 1986 में रामायण और महाभारत जैसे धारावाहिकों के कारण यह दर्शकों में काफी लोकप्रिय बना. दूरदर्शन के ये प्रसारण इस कदर लोकप्रिय हुआ कि रविवार को सड़के सुनसान हो जाया करती थीं.
तकनीक में हो रहे बदलाव के कारण दूरदर्शन में भी परिवर्तन आने लगे. माना जाता है कि दूरदर्शन पर एशियाई खेलों के प्रसारण ने भारतीय टेलीविजन जगत में क्रांतिकारी बदलाव लाए. 1966 में दूरदर्शन के कृषि दर्शन कार्यक्रम की शुरूआत की.
दूरदर्शन पर मिले सुर मेरा तुम्हारा जैसे विज्ञापनों सभी के होंठो पर हुआ करता था. यह भारतीय एकता और अखंडता की तस्वीर उकेरता था. दूरदर्शन पर प्रसारित किये जाने वाले कई विज्ञापन आज भी ताजा हैं.
भारत में टेलीविजन जगत मेंं बदलाव लाने में यूनेस्कों की बड़ी भूमिका है. बता दें कि यूनेस्कों ने भारत में दूरदर्शन की शुरूआत करने के लिए बीस हजार डॉलर की सहायता राशि दी थी, साथ में 180 फिलिप्स कंपनी के टेलीविजन सेट दिये थे. तीन नवंबर 2003 से दूरदर्शन 24 घंटे चलने वाला समाचार चैनल बन गया.
दूरदर्शन पर 1980 के दशक में बड़ी संख्या में ऐसे धारावाहिकों का प्रसारण हुआ जिसके कारण दूरदर्शन दर्शकों में लोकप्रिय हो गया. बाद के समय में दिल्ली सहित मुंबई, चेन्नई, कोलकाता में इसकी शाखाएं खोली गयीं. इसके साथ दूरदर्शन हिंदी तथा अंग्रेजी सहित कई क्षेत्रीय भाषाओं में समाचार प्रसारण करने लगा.