सोशल मीडिया पर कमेंट, विशेषज्ञ को बुलाने का नहीं है साहस
मोरबी की पुल दुर्घटना की रिपोर्टिंग मीडिया संस्थानों की नियत पर सवाल खड़े कर रहा है. आखिर ऐसा क्यों है कि मीडिया गुजरात में हुई इस दुर्घटना के मामले में सरकार से सवाल पूछने से बचती फिर रही है. टीवी एंकरों के इस रवैये की सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना हो रही है. सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे पत्रकारों की खिंचाई भी हो रही है. यूट्यूब पर मौजूद वीडियो पर भी एंकरों से लोगों ने सवाल पूछे हैं. लोगों का कहना है कि जिस तरह से मोरबी घटना को लेकर एंकर और संपादक रिपोर्टिंग किया है वह खतरनाक है.
न्यूज चैनलों के यूट्यूब पर अपलोड किये गये वीडियो सेक्शन में लोगों ने अपने कमेंट दिये हैं. लोगों ने माना है कि यह प्रशासन की नाकामी है. न्यूज 18 इंडिया पर देश नहीं झुकने देंगे कार्यक्रम लेकर आने वाले अमन चोपड़ा ने इस घटन पर आयी खबरों के एंगल समझाने में लगे हैं जिसमें वह पुल पर चलने के विज्ञान में समझाते नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही पूरा कार्यक्रम विभिन्न विज्ञान को समझाने के साथ खत्म कर दिया गया है.
जैसलमेर दर्शन ने अमन चौपड़ा के इस वीडियो पर कमेंट किया है.. निजीकरण का सबसे बड़ा चाटुकार आज उसके नुकसान गिना रहा है। रिजनेबल इंडियन के नाम से एक कमेंट किया गया है जिसमें कहा गया है बात बात पर विपक्षी नेताओं की टिप्पणी माँगकर खिल्ली उड़ाने वाला एंकर आज सिस्टम का दोष गिना रहा है। आज विपक्ष या किसी विशेषज्ञ को बुलाने का साहस नहीं है।
सोशल मीडिया पर लोग ऐसे टीवी चैनलों के रिपोर्टर की खिल्ली उड़ा रहे हैं. सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि ऐसे हादसे अगर गैर बीजेपी शासित प्रदेश में होती है तो इन चैनल वालों ने मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांग लिया होता.