पत्रिका के मीडियाकर्मियों के तोड़े माइक—कैमरे, थाने में घंटों बैठाया
उत्तरप्रदेश के रामपुर में उपचुनाव के कवरेज को लेकर मीडियाकर्मियों के मारपीट का मामला सामने आया है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक प्रशासन द्वारा लोगों को वोटिंग करने से रोका जा रहा था. शाम के समय स्थानीय पुलिए द्वारा पत्रिका समाचारपत्र के दो पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना वायरल होने लगी.
सूत्रों के अनुसार मीडियाकर्मियों का माइक और कैमरा तोड़ दिया गया. मिली जानकारी के अनुसार पत्रिका के पत्रकार विकास सिंह और अंकुर सिंह उपचुनाव कवर करने यहां आये हुए थे.
मीडियाकर्मियों का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की और इसका विरोध करने पर उनके सामानों को छीन कर तोड़ दिया. दोनों पत्रकारों को रामपुर के गंज थाने में लगभग छह घंटे बैठाकर रखा गया.
पत्रकार विकास कुमार की मानें तो उन्होंने बताया कि रामपुर उपचुनावों में पुलिस मुस्लिम समुदाय के लोगों को वोटिंग करने में अड़चन डाल रही थी. इसका पत्रकारों ने फेसबुक लाइव किया जिसके बाद वहां अन्य पुलिसकर्मी भी आ गये.
इस दौरान रामपुर के एएसपी से बातचीत के दौरान उन्होंने मीडिया पर बिके होने का आरोप लगाते हुए डांटना शुरू कर दिया. इसके बाद बहस हुई और मौजूद पुलिसकर्मियों ने मारपीट कर कैमरा तोड़ दिया. वहीं थाने में पत्रकारों के मोबाइल से सबकुछ डिलीट करवा दिया.
इसे लेकर राजस्थान पत्रिका के डिजिटल हेड जर्नादन पांडे ने अपने ट्वीटर हैंडल से बहस के कुछ सेंकेंड का वीडियो ट्वीट किया है. इस वीडियो पर कई प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं. लोगों का कहना है कि चुनाव में धांधली किया जा रहा है.