सोशल मीडिया पर रवीश कुमार को लेकर हो रही अटकलबाजी
एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया है. रवीश कुमार ने यह इस्तीफा एनडीटीवी के प्रमोटर कंपनी के निदेशक राधिका रॉय और प्रणव राय के हटने के तुरंत बाद दे दिया. बुधवार को मेल भेज कर उन्होंने अपना इस्तीफा एनडीटीवी के एचआर विभाग को भेजा. एनडीटीवी को अडानी ग्रुप द्बारा टेकओवर किया गया है. अपने इस्तीफा के बाद रवीश कुमार जहां ट्रोल होने लगे वहीं उनके चाहने वालों ने उनके इस कदम की सराहना करते हुए कहा है कि वो एक ऐसे पत्रकार हैं जो नहीं बिक सकें हैं. अडानी ग्रुप पैसों से चैनल खरीद सकता है लेकिन रवीश कुमार को नहीं. लोगों ने उनकी पत्रकारिता को सलाम किया है. सोशल मीडिया पर यह कहा जा रहा है रवीश यूट्यूब के माध्यम से तहलका मचायेंगे. उनका अपना एक यूट्यूब चैनल भी है लेकिन अब तक रवीश कुमार की तरफ से कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है. वैसे रवीश कुमार आॅफिशियल के नाम से उनका अपना एक यूट्यूब चैनल है जिस पर वह समय समय पर आते रहते हैं.
भारतीय जनसंचार संस्थान के छात्र रहे रवीश कुमार एनडीटीवी के चर्चित पत्रकार रहे हैं. उनकी पत्रकारिता ने समाज के हाशिये पर रहने वालों के अलावा राजनीति, फिल्म, उद्योग जगत, सभी क्षेत्रों के लोगों को प्रभावित किया है. अपने कार्यकाल में फील्ड रिपोर्टिंग से प्राइम टाइम तक पहुंचे और देश की बात, रवीश की रिपोर्ट जैसे कार्यक्रमों को होस्ट किया. पत्रकारिता में योगदान के लिए रामनाथ गोयनका पुरस्कार और रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं.
रवीश कुमार ने पत्रकारिता से अपनी पहचान बनायी वहीं मोदी के प्रखर आलोचक के रूप में भी उन्हें जाना जाता है. उनका मानना है कि पत्रकारिता का काम सत्ता से सवाल पूछने का है. रवीश कुमार के आलोचकों का कहना है कि वे एक पत्रकारिता को लेकर उनका पक्षपाती नजरिया है और सिर्फ एक पार्टी की हमेशा आलोचना करने से वह नहीं चूकते. मालूम हो कि मोदी सरकार की प्रशंसा करने वालों को गोदी मीडिया नाम दिया. उन्होंने लुटियंस पत्रकार जैसे शब्द भी गढ़े जो आज काफी जाने जाते हैं.