गोदी मीडिया के एंकरर्स सीधे—सीधे या दाएं—बाएं तरीके से पूर्वाग्रह हर दिन फैलाते हैं
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया के रवैय की काफी आलोचना की है. सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया के नफरती एंकरों को हटाने की भी बात कही है.
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर मीडिया की चुप्पी भी हताश और निराश करने वाली है. इसे लेकर रवीश कुमार ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो अपलोड किया है। इस वीडियो में नफरती एंकरों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की चर्चा की गयी है.
रवीश कुमार ने अपने इस वीडियो में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने नफरती एंकरों को ऑफ एयर करने के लिए कहा है।
लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि गोदी मीडिया के कई एंकरर्स सीधे—सीधे या दाएं—बाएं तरीके से पूर्वाग्रह हर दिन फैलाते हैं. पूर्वाग्रह का अर्थ बताते हुए कहा है कि ऐसी बातें जिससे आप किसी समुदाय या व्यक्ति विशेष के बारे में धारणाएं बना लेते हैं, कि वो लोग ऐसे होते हैं या फिर ये लोग तो ऐसे ही होते हैं।
सोचिए अगर सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्प्णी का आदेश के तौर पर पालन होने लगे और नफरती डिबेट के कारण एंकर हटाये जाने लगे, तब हत्या और बलात्कार के मामले में धर्म के हिसाब से डिबेट करने वाले एंकर क्या करेंगे।
लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि इन सब से पहले खुद से यह सवाल पूछिए कि क्या सरकार ऐसे एंकरों को हटा सकेगी।
आठ साल के डिबेट का रिकॉर्ड आपके सामने है। क्या उन डिबेट की समीक्षा होगी। क्या सरकार ऐसे एंकरों को नफरती डिबेट करने से रोक सकती है। सरकार उन्हें नहीं रोक सकती है।