एनडीटीवी में रह चुकी हैं कार्यकारी निदेशक, चर्चित हैं इनका लेफ्ट, राइट एंड सेंटर जैसे टॉक शो
वैसे तो साइबर क्राइम का शिकार कोई भी हो सकता है लेकिन आज हम बात करेंगे पत्रकारिता क्षेत्र के एक चेहरा की जो फर्जीवाड़ा का शिकार हुआ. मामला यूं हैं कि एक जानी मानी पत्रकार को दिसंबर 2019 में एक ईमेल मिलता है जिसमें हार्वर्ड विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विषय पढ़ाने के लिए एसोसिएट प्रोफेसर पद की पेशकश की जाती है.
इसके बाद इस पत्रकार द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे दिया जाता है. लेकिन बाद में उन्हें पता चलता है कि वे फिशिंग स्कैम की शिकार हो गयी हैं. हालांकि इस घटना को बीते दो साल हो चुके हैं लेकिन फीशिंग स्कैम की बड़ी घटनाओं में इसकी चर्चा होती रहती है. भारतीय मीडिया का यह बड़ा चेहरा जब ठगी का शिकार हुआ तो मीडिया भी हैरत में रह गयी.
यह कहानी है एनडीटीवी की कार्यकारी निदेशक निधि राजदान की. निधि राजदान मीडिया की जानीमानी हस्ती हैं. निधि राजदान के अनुसार एक दिन एक मेल में उन्हें इस बात की सूचना दी जाती है कि हावर्ड विश्वविद्यालय में जर्नलिज्म पढ़ाने के लिए नियुक्त किया जा रहा है. इसकी जानकारी वह सोशल मीडिया पर भी देती हैं. लोग इस नये सफर के लिए उन्हें बधाई भी देते हैं लेकिन कुछ समय बाद पता चलता है कि एक जालसाजी का शिकार हुई हैं.
निधि उस समय एनडीटीवी में कार्यकारी संपादक थी. उन्होंने अपनी यह नौकरी छोड़ दी थी. उस समय उन्होंने अपने ट्वीटर में इसकी जानकारी देते हुए बताया था कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में सितंबर 2020 से अध्यापन कार्य शुरू करने वाली हैं, लेकिन जब वे अपनी नई जॉब के लिए तैयारी कर रही थीं तब उनसे यह कहा गया कि कोरोना महामारी के कारण कक्षाएं जनवरी 2021 में शुरू होंगी. इसे लेकर जब विश्वविद्यालय के अधिकारियों से बात की गयी तब अधिकारियों ने बताया कि उनकी ओर से ऐसा कोई ईमेल नहीं भेजा गया है. इस घटना के बाद उन्होंने माना कि वह किसी फर्जीवाड़ा का शिकार हुई हैं. इस घटना के एक साल बाद उन्होंने फिर से एनडीटीवी ज्वाइन कर लिया.
निधि राजदान वैसे तो जम्मू कश्मीर की रहने वाली हैं लेकिन उनकी प्राथमिक शिक्षा दिल्ली के एपीजे स्कूल से हुई. इसके बाद उन्होंने लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वूमेन से ग्रेजुएशन किया. ग्रेजुएशन करने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया.
निधि राजदन महाराज कृष्ण राजदान और सरला राजदान की संतान हैं. उनके पिता पीटीआई में थे. निधि ने 1999 में एनडीटीवी ज्वाइन किया और लंबे समय से यहां अपने कार्यक्रम पेश कर रही हैं. एनडीटीवी इंगलिश में प्राइम टाइम सहित लेफ्ट, राइट एंड सेंटर जैसे टॉक शो काफी मशहूर हुए. इसके अलावा द बिग फाइट में भी नजर आयीं.
निधि राजदान ने नीलेश मिश्रा के साथ शादी की लेकिन कुछ समय बाद दोनों अलग हो गये. जम्मू कश्मीर और उत्तर—पूर्वी क्षेत्र में रिपोर्ट को लेकर उन्हें रामनाथ गोयनका अवार्ड से सम्मानित किया गया. कहा जाता है कि उमर अब्दुल्ला निधि राजदान से शादी करना चाहते थे. लेकिन राजनीतिक कारणों से यह शादी नहीं हो सकी.