गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और ब्रिटिश पत्रकार का इंटरव्यू वायरल
एक वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म निर्माता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले विनोद कापरी ने एक बार फिर ट्वीटर पर एक वीडियो शेयर कर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया है. यह वीडियो गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का है जिसमें वे एक ब्रिटिश टेलीविजन के न्यूज रिपोर्टर को इंटरव्यू दे रहे हैं.
विनोद कापरी द्वारा शेयर किये गये इस वीडियो को बड़ी संख्या में लोग देख रहे हैं. वहीं ट्वीटर पर लिखने उनके मैसेज का भी लोग नकारात्मक और सकारात्मक तरीके से जवाब दे रहे हैं.
अपने ट्वीटर हैडल से विनोद कापरी ने लोगों से शेयर किये गये वीडियो को गौर से देखने की अपील की है. उन्होंने इसके साथ लिखा है कि 2002 पर बीबीसी पर नरेंद्र मोदी के इस इंटरव्यू को देखकर समझ में आ जाएगा कि उनके प्रेस कांफ्रेंस नहीं करने के पीछे क्या वजह हो सकती हे. आखिर वह प्रेस कांफ्रेंस क्यों नहीं करते?
इस ट्वीटर के साथ यह भी लिखा है कि सख्त सवालों पर हलक सूख जाने का मतलब जानना हो तो इस वीडियो को जरूर देखा जाना चाहिए.
इस वीडियो में थर्ड आई स्टूडियो द्वारा एक ब्रिटिश पत्रकार तत्कालीन मुख्यमंत्री से गुजरात के अशांत राज्य होने के कारणों पर सवाल पूछ रही है, जिसका जवाब विपक्षों की इस मामले को लेकर प्रोपंगडा बताया जाता है. इस इंटरव्यू में तत्कालीन मुख्यमंत्री मानवाधिकार मामलों पर बहुत ही उग्र तरीके से ब्रिटिश पत्रकार के सवालों का जवाब देते हैं.
इस ट्वीट पर विनोद कापरी को कई तरह के जवाब मिल रहे हैं. मीनाक्षी श्रीयान ने लिखा है हलक तो सूखा है सर, लेकिन मोदी जी का नहीं बल्कि प्रोपोगेंडा वाली जर्नलिस्ट का…2002 से 2023 आ गया लेकिन वही एक घिसा पिटा अभियान चलाया जा रहा है, जिसे कुचलकर मोदी जी आगे बढ़ते जा रहे हैं.
विनोद कापरी के इस ट्वीट को काफी संख्या में देखा और शेयर किया जा रहा है.