विवादों में घिरे रहने वाले इस संपादक पर कई केस, पैनलिस्टों का करते हैं अपमान
हाल में मुंबई पुलिस के आलाअधिकारी ने एक संपादक के खिलाफ दायर मानहानि का मुकदमा वापिस ले लिया.
पुलिस के ये अधिकारी परमबीर सिहं थे और ये वहीं संपादक हैं जो शानदार अंग्रेजी बोलते हैं. कभी अपने चैनल पर नेशन वांट्स टू नो और पूछता है भारत की रट्ट लगाये रखते थे. फिलहाल द डिबेट नामक कार्यक्रम में एंकरिंग करते हैं. इनका नाम अर्नब गोस्वामी है. वे रिपब्लिक टीवी के संपादक हैं.
अर्नब गोस्वामी चर्चा में उस समय तब आये थे जब मुंबई पुलिस ने दो साल पहले उन्हें गिरफ्तार किया था. उन्हें 53 साल के एक इंटीरियर डिजाइरन की आत्महत्या करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उनकी गिरफ्तारी सोशल मीडिया में काफी वायरल हुई थी. वीडियो में पुलिस अर्नब के घर में घुस रही थी और दोनों के बीच तीखी बहस होती दिखा था. अर्नब की विवादों से जुड़े होने से पहले जानना जरूरी है कि वे कौन हैं, कहां से संबंध रखते हैं और टीवी जगत में उन्हें लोगों ने कैसे जाना.
अर्नब मूल रूप से गुवाहटी के है. वहां उनका जन्म हुआ. पिता इंडियन आर्मी में थे इसलिए उनकी स्कूलिंग उन्होंने माउंट सेंट मैरी स्कूल दिल्ली छावनी और केंद्रीय विद्यालय जबलपुर छावनी से अपनी स्कूलिंग की. इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से ग्रेजुऐशन किया. उच्च शिक्षा प्राप्त करने आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी गये. वे सोशल एंथ्रापोलॉजी में डिग्री रखते है.
उनके पिता मनोरंजन गोस्वामी रिटायर्ड कर्नल रहे और बाद में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये. अर्नब की मां सुप्रभात स्वामी एक लेखिका हैं. उनका पूरा परिवार रसूखदार रहा है. अर्नब ने कॉलेज के दिनों में समयव्रत रे से मिले जिसके साथ उन्होंने शादी की. उनका एक बेटा है जिसका नाम चे—गोस्वामी है. कहा जाता है कि बेटा का नाम क्यूबा के क्रांतिकारी चे—ग्वेरा पर रखा गया है.
एडिटर—इन—चीफ अर्नब पर आरोप है कि उन्हें एक महिला और उसके बेटे को खुदकुशी के लिए उकसाया था. इंटीरियर डिजाइनर की पत्नी के अनुसार रिपब्लिक टीवी के स्टूडियों में इंटीरियर के काम किये जाने के बाद लगभग पांच करोड़ का बकाया था. जिसे अर्नब नहीं दे रहे थे. इससे परिवार तंगी में आ गया था. सुसाइड नोट में भी अर्नब को इसके लिए आरोपी बनाया गया था.
वैसे अर्नब पर लोग यह भी आरोप लगाते हैं कि वे किसी दूसरे की नहीं सुनते. टीबी चैनल पर डिबेट के दौरान सुनने से ज्यादा डांटने—डपटने और अपमानित करते हैं. यह बात ऐसे स्पष्ट होती हैं कि स्टूडियो आये एक मेहमान को बेटा बोला. बेटा कहना भारतीय समाज में गाली के रूप में समझा जाता है. रिश्ते से अलग ऐसा कहना अपमानजनक है. कहने वाला यह जताता है कि वह उस व्यक्ति के बाप के समान है.
अर्नब कई विवादों से घिरे रहने वाले एडिटर रहे हैं. उनके चैनल को अश्लील, ठग, सेक्सिस्ट, पर्वर्ट, गुंडा आदि शब्दों के इस्तेमाल के लिए नोटिस मिल चुका है. टाइम्स नाउ अर्नब के खिलाफ चोरी, बौद्धिक संपदा अधिकारों के उल्लंघन का केस कर चुकी है. टाइम्स नाउ द्वारा लगाया जा चुका है.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उनकी पत्नी की मौत से जोड़ने के मामले को लेकर अर्नब और उनके टीवी चैनल पर मानहानि मुकदमा दायर कर चुके हैं. उनपर सोनिया गांधी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया गया.
अर्नब गोस्वामी ने 1995 से पत्रकारिता में करियर की शुरूआत की. वे कोलकाता से प्रकाशित होने वाली द टेलीग्राफ से सबसे पहले जुड़े. इसके बाद वह दिल्ली आ गये. दिल्ली में एनडीटीवी के लिए काम करना प्रारंभ किया. अपनी पत्रकारिता करियर की शुरुआत करने के लिए साथ ही उन्हें कई पुरस्कार भी मिलने लगे.
उन्हें एशिया का बेस्ट समाचार एंकर का अर्वाड मिला. इसके बाद उन्होंने 2006 में एनडीटीवी छोड़ दिया और टाइम्स नाउ न्यूज चैनल के प्रधान संपादक के रूप में काम करने लगे. इस दौरान फ्रेंकली स्पीकिंग विद अर्नब नामक शो मे कई देश विदेश की हस्तियों का इंटरव्यू किया. 2016 में मतभेद होने के कारण उन्होंने टाइम्स नाउ से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद रिपब्लिक टीवी के आगाज के साथ वे आगे बढ़ते गये.
अर्नब को रामनाथ गोयनका अवार्ड से नवाजा जा चुका है. फिलहाल अर्नब मुंबई में रहते हैं और माना जाता है कि वे 380 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं.