चुनावी वादों पर स्टोरी करने के लिए अखबारों को राज्य सरकार ने किया मना
हाल ही में एक खबर आयी थी कि पंजाब सरकार ने राज्य के दो अखबारों को विज्ञापन देना बंद कर दिया था. इनमें अजीत समूह का अजीत समाचार और पंजाबी ट्रिब्यून शामिल था. हालांकि पंजाब सरकान ने इस साल के पहले ही माह से पंजाबी ट्रिब्यून को विज्ञापन देना प्रारंभ कर दिया लेकिन अजीत समाचार का विज्ञापन फिलहाल बंद है.
क्षेत्रीय समाचार पत्र में अजीत समाचार का नाम सबसे मशहुर है. पंजाब में अजीत समाचार पढ़ने वालों की संख्या सबसे अधिक है. यह अखबार हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रकाशित होता अजीत समूह के एग्जिक्यूटिव एडिटर सतनाम सिंह मानक का कहना है कि पंजाब सरकार को हमारा विज्ञापन को बंद किये डेढ़ माह हो गये हैं. पहले योजनाओं का विज्ञापन बंद किया गया, फिर टेंडर वाले विज्ञापन को बंद कर दिया गया. सरकान ने प्रेस नोट भी भेजना बंद कर दिया
जबकि पंजाबी ट्रिब्यून के एडिटर स्वराज बीर सिंह कहते हैं कि विज्ञापन तो बंद हुआ लेकिन अब यह फिर से मिलने लगा है. ट्रिब्यून अखबार का प्रकाशन अंग्रेजी और पंजाबी दोनों भाषाओं में होता है लेकिन यह विज्ञापन मिलने पर रोक पंजाबी भाषा वाले अखबार पर लगाया गया था.
सतनाम सिंह के मुताबिक सरकार ने विज्ञापन बंद करने के संबंध में ना तो कोई पूर्व सूचना दी और ना ही बातचीत की. सरकार चाहती हे कि उसके चुनावी वादों को लेकर जिसकी लगातार अखबार द्वारा रिपोर्ट की जा रही है, नहीं लिखा जाये.
पंजाबी ट्रिब्यून ने भी समाचार अखबारों को निशाना बनाये जाने पर खबर प्रकाशित की थी जिसके बाद उसे भी विज्ञापन देना मिलना बंद कर दिया गया था. इस संबंध में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के रणदीप सिंह अहलूवालिया का कहना है कि यहां से किसी भी अखबार का विज्ञापन नहीं रोका गया है.