जेंडर, एग्रीक्लचर, पोषण में हो रुचि, दक्षिण भारतीय भाषा में लिखने का कौशल
एमएस स्वामीनाथन को देश में हरित क्रांति का जनक माना जाता है. भारत में कृषि जगत में यह एक जाना माना नाम है. उन्हें 1972 में सांइस और इंजीनियरिंग में पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है. हरित क्रांति के तहत गरीब किसानों के लिए उन्होंने गेंहू और चावल की ऐसी प्रजातियां विकसित की जिसकी मदद से कम भूमि में अधिक उपज कर सकते हैं.
उनके नाम से एक शोध संस्थान भी बनाया गया है. एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन भारत में कृषि और खाद्य सुरक्षा, पोषण, जलवायु और आजीविका के साधनों पर अनुंसधान करता है. इस संस्थान को संयुक्त राष्ट्र का भी सहयोग प्राप्त है.
एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में शोध के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है. इनमें मीडिया फेलोशिप भी शामिल है. रिसर्च फाउंडेशन द्वारा मीडिया फेलोशिप के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया है. इस मीडियो फेलोशिप का थीम जेंडर एंड मिलेट्स, लिकेंजेज एंड इनइक्वालिटी है.
टीवी, अखबार या मल्टीमीडिया क्षेत्र में काम कर रहे तथा डेवलपमेंट जर्नलिज्म में रुचि रखने वाले पूर्णकालिक या स्वतंत्र पत्रकार इस फेलोशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं. यह जरूरी है कि वे जेंडर, एग्रीक्लचर, पोषण आदि विषयों में लिखते रहे हों और ऐसे मुद्दों को कवरेज प्रदान करने में रुचि रखते हों. पत्रकारों से अपेक्षा की जाती है वे शोध का हुनर रखते हों और उड़िया, तमिल और मलयालम भाषा में भली—भांति लिख पाते हों.
इस फेलोशिप के लिए इच्छुक पत्रकार इस वेबसाइट www.mssrf.org पर जाकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. फेलोशिप आवेदन की अंतिम तिथि 30 दिसंबर 2022 है.